बोरे बनना चाहे कलाकार, मांगे जग का आदर
बोरे बनना चाहे कलाकार, मांगे जग का आदर ।
समझे न कलाकार तो प्रेमी है, प्रेमी को न चाहिए मान-अनादर ।
करे जगत को खुस, देखे न जो है सतानंद ।
कला तो हरदे का मरम है, न घूम जगत पूरा ।
बोरे बनना चाहे कलाकार, मांगे जग का आदर ।
समझे न कलाकार तो प्रेमी है, प्रेमी को न चाहिए मान-अनादर ।
करे जगत को खुस, देखे न जो है सतानंद ।
कला तो हरदे का मरम है, न घूम जगत पूरा ।